अश्विन मास की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरा (Dussehra) या विजयादशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दुर्गा पूजा की दशमी तिथि को मनाया जाने वाले दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम (Bhagwan Ram) ने लंकापति रावण का वध किया था। भगवान राम के रावण (Ravan) पर विजय प्राप्त करने के कारण ही इस दिन को विजयादशमी भी कहा जाता है।मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन माना जाता है शुभ: दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं। इस दिन घर की पूर्व दिशा में शमी की टहनी प्रतिष्ठित करके उसका विधिपूर्वक पूजन करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है, महिलाओं को अखंड सौभग्य की प्राप्ति होती है एवं इस वृक्ष की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
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